एमपी में आपस में जुड़ेंगे नर्मदा के आधा दर्जन घाट, सरकार ने बनाया 300 करोड़ का बड़ा प्रोजेक्ट

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Jabalpur- एमपी में 300 करोड़ के प्रोजेक्ट से आपस में जुड़ेंगे नर्मदा के 6 घाट

Narmada- मध्यप्रदेश में नर्मदा घाटों की कायापलट की बड़ी योजना तैयार की गई है। इसके अंतर्गत नर्मदा के आधा दर्जन घाट को आपस में जोड़ा जाएगा। राज्य के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जबलपुर में नर्मदा के छह घाट संवारे जाएंगे। इन्हें अयोध्या में सरयू की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार ने जबलपुर के नर्मदा घाटों को संवारने के लिए बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया है। सीएम मोहन यादव इसका भूमिपूजन करेंगे।

लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने रविवार को पत्रकार वार्ता बुलाई। यहां उन्होंने जबलपुर के आधा दर्जन नर्मदा घाटों को संवारने का अहम ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अभी नर्मदा के घाट अत्यधिक भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में हैं जिससे दिक्कत होती है। नर्मदा भक्तों की सुविधा के लिए 6 घाटोंको आपस में जोड़ेंगेजबलपुर में नर्मदा घाटों को अयोध्या की सरयू की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। प्रोजेक्ट के पहले चरण में जबलपुर के खारीघाट, दरोगा घाट, ग्वारीघाट, उमा घाट, सिद्धघाट और जिलहरी घाट को आपस में जोड़ा जाएगा। इन्हें अयोध्या के सरयू घाटों की तर्ज पर एक समान कर आकर्षक रूप दिया जाएगा। पीडब्लूडी मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि खारीघाट पर खारी विसर्जन के लिए अलग से जलकुंड बनाया जाएगा। घाट पर उतरने के व्यवस्थित सीढ़ियां बनेंगी, नीचे चेंजिंग रूम बनाया जाएगा और पुरोहितों के बैठने की व्यवस्था के साथ ही विशेष मुंडन स्थल भी बनाया जाएगा। श्रद्धालुओं और नर्मदा भक्तों के लिए छोटा नाव घाट भी बनाया जाएगा।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

मंत्री राकेश सिंह ने जबलपुर के ग्वारीघाट का विशेष रूप से जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मां नर्मदा की गोद में स्थित यह ​स्थान स्नान, पूजा और ध्यान की गहरी पवित्रता के लिए बेहद आदर्श जगह है। घाट पर मां नर्मदा की शांत लहरें श्रद्धालुओं को शांति और शक्ति दोनों प्रदान करती हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इस विख्यात नर्मदा तट को सुंदर और सुसज्जित रूप दिया जाएगा।

जबलपुर का नर्मदा घाट इलाका अत्यधिक भीड़भाड़ वाला क्षेत्र है। रास्ते की चौड़ाई बहुत कम होने के कारण श्रद्धालुओं को आने-जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मंत्री राकेश सिंह ने बताया कि नए प्रोजेक्ट में ये परेशानियां समाप्त हो जाएंगी। प्रोजेक्ट का भूमिपूजन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे।

 

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