वाल्मीकि रामायण की सम्पूर्ण कथा

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1. बालकांड

अयोध्या नगरी में महाराज दशरथ राज्य करते थे। उनकी तीन रानियाँ थीं — कौशल्या, सुमित्रा और कैकेयी। लेकिन उन्हें संतान नहीं थी। ऋषि वशिष्ठ की सलाह पर दशरथ ने पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया। यज्ञ के फलस्वरूप चार पुत्र उत्पन्न हुए — राम (कौशल्या से), भरत (कैकेयी से), और लक्ष्मण व शत्रुघ्न (सुमित्रा से)।

राम तेजस्वी, धर्मात्मा और विनम्र थे। एक दिन महर्षि विश्वामित्र आए और राम-लक्ष्मण को ताड़का व राक्षसों के विनाश के लिए साथ ले गए। उन्होंने राम को अस्त्र-शस्त्र विद्या सिखाई। राम ने ताड़का, सुबाहु आदि राक्षसों का वध किया।

विश्वामित्र राम-लक्ष्मण को जनकपुर ले गए जहाँ स्वयंवर में राम ने शिव धनुष को तोड़ा और सीता से विवाह हुआ। भरत और शत्रुघ्न के भी विवाह हुए।

🔷 2. अयोध्याकांड

राम के राजतिलक की तैयारी थी। लेकिन कैकेयी को मंथरा ने भड़काया। कैकेयी ने दशरथ से दो वर माँगे:

1. राम को 14 वर्ष का वनवास,

2. भरत को राजा बनाना।

 

दशरथ दुखी होकर भी वचनबद्ध थे। राम ने आज्ञा का पालन किया। सीता और लक्ष्मण भी साथ गए। दशरथ पुत्र वियोग में मृत्यु को प्राप्त हुए। भरत को जब यह ज्ञात हुआ, तो वे नंदिग्राम में राम की खड़ाऊँ रखकर राज्य चलाने लगे, और राम को वापस लाने वन गए, पर राम ने मना कर दिया।

🟢 3. अरण्यकांड

राम, लक्ष्मण, और सीता पंचवटी में रहने लगे। शूर्पणखा (रावण की बहन) ने राम से विवाह का प्रस्ताव किया। लक्ष्मण ने उसकी नाक काट दी। यह सुनकर खर-दूषण आए और मारे गए।

रावण ने अपमान का बदला लेने के लिए मारीच को भेजा, जो स्वर्ण मृग बन गया। सीता ने उस मृग को लाने को कहा। राम ने उसे मार दिया लेकिन मारीच ने मरते हुए “हा लक्ष्मण” पुकारा। सीता घबरा गईं और लक्ष्मण को राम के पास भेजा।

इसी बीच रावण साधु वेश में आया और सीता का हरण कर लंका ले गया। रास्ते में जटायू ने रावण से युद्ध किया और वीरगति पाई। राम दुखी हुए। उन्होंने शबरी से भेंट की और ऋष्यमूक पर्वत पहुँचे।

🟠 4. किष्किंधाकांड

वहाँ हनुमान ने राम से भेंट कराई वाली से पीड़ित सुग्रीव से। राम ने सुग्रीव से मित्रता की और वानरराज बालि का वध किया।

सुग्रीव ने अपनी सेना से सीता की खोज का आदेश दिया। हनुमान, जामवंत, अंगद दक्षिण दिशा में खोज पर निकले।

🔴 5. सुंदरकांड

हनुमान समुद्र पार कर लंका पहुँचे। वहाँ उन्होंने सीता को अशोक वाटिका में राक्षसियों के बीच रोते देखा। उन्होंने राम की अंगूठी दी और सीता का संदेश लिया।

हनुमान ने लंकिनी, अक्षयकुमार, और कई राक्षसों को मारा। रावण ने उन्हें पकड़वाकर पूंछ में आग लगवाई, लेकिन हनुमान ने लंका जला दी और वापस लौटे।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

⚫ 6. लंकाकांड (युद्धकांड)

राम ने सेतुबंध कर समुद्र पार किया और लंका पर चढ़ाई की। दोनों पक्षों में भीषण युद्ध हुआ।

लक्ष्मण ने मेघनाद से युद्ध किया और घायल हुए।

हनुमान संजीवनी बूटी लाए।

राम ने रावण का वध किया।

सीता की अग्निपरीक्षा हुई — उन्होंने अपनी पवित्रता सिद्ध की। राम, लक्ष्मण और सीता अयोध्या लौटे।

⚪ 7. उत्तरकांड

राम का राज्याभिषेक हुआ — रामराज्य की स्थापना हुई। लेकिन जब अयोध्यावासियों ने सीता पर संदेह किया, राम ने उन्हें वाल्मीकि ऋषि के आश्रम भेज दिया।

वहाँ सीता ने लव और कुश को जन्म दिया। वे राम की कथा गाते हुए दरबार में पहुँचे। राम को जब सत्य का ज्ञान हुआ, उन्होंने सीता को बुलाया। सीता ने धरती माता से समा जाने की प्रार्थना की और धरती फट गई — वह समा गईं।

राम ने अंत में जल समाधि ली और वैकुंठ को गए।

🙏 रामायण का मूल संदेश:

धर्म का पालन,

सत्य की जीत,

त्याग और कर्तव्य,

मर्यादा और आदर्श जीवन।

 

 

 

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