दीपावली, जिसे हम आमतौर पर दिवाली कहते हैं, भारत का एक प्रमुख और अत्यंत लोकप्रिय त्योहार है। इसे अंधकार पर प्रकाश की विजय, अज्ञान पर ज्ञान की विजय, और बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रूप में मनाया जाता है।

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दीपावली, जिसे हम आमतौर पर दिवाली कहते हैं, भारत का एक प्रमुख और अत्यंत लोकप्रिय त्योहार है। इसे अंधकार पर प्रकाश की विजय, अज्ञान पर ज्ञान की विजय, और बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक रूप में मनाया जाता है।

दीपावली मनाने के मुख्य कारण (हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार):

1. भगवान राम की अयोध्या वापसी (रामायण के अनुसार)

सबसे प्रसिद्ध कथा यह है कि जब भगवान श्रीराम माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्षों का वनवास समाप्त करके और रावण का वध करके अयोध्या लौटे, तो अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में घरों में दीप जलाए।

यह प्रकाश का त्योहार तभी से मनाया जाता है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

2. भगवान श्रीकृष्ण द्वारा नरकासुर का वध

एक अन्य कथा के अनुसार, श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध कर 16,000 कन्याओं को उसके बंदीगृह से मुक्त कराया। यह घटना भी दीपावली से एक दिन पहले की मानी जाती है (नरक चतुर्दशी)।

3. माता लक्ष्मी का प्रकट होना

समुद्र मंथन के समय मां लक्ष्मी (धन और समृद्धि की देवी) प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन लक्ष्मी पूजन कर धन, सुख और समृद्धि की कामना की जाती है।

4. भगवान विष्णु द्वारा बलि राजा को पाताल भेजना

कुछ स्थानों पर यह मान्यता है कि विष्णु भगवान ने राजा बलि को पाताल लोक भेजा और उसे वर्ष में एक बार धरती पर आने का वरदान दिया। दीपावली को वह दिन माना जाता है।

5. महावीर स्वामी और गुरु नानक देव से संबंधित घटनाएं

जैन धर्म में यह दिन महावीर स्वामी के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

सिख धर्म में इस दिन को ‘बंदी छोड़ दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है, जब गुरु हरगोबिंद जी ने मुगलों की कैद से 52 राजाओं को मुक्त कराया था।

 

दीपावली के 5 प्रमुख दिन:

1. धनतेरस – स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए पूजा

2. नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली) – बुराई के अंत का प्रतीक

3. दिवाली (मुख्य दिन) – लक्ष्मी पूजा और दीप जलाने का दिन

4. गोवर्धन पूजा / अन्नकूट – श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन उठाने की स्मृति में

5. भाई दूज – भाई-बहन के स्नेह का पर्व

 

 

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