शनि दोष के प्रभावी उपाय (Shani Dosh Ke Upay in शनि चालीसाc

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1. हनुमान जी की आराधना करें:

मंगलवार और शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें।

हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल और गुड़ चढ़ाएं।

 

2. शनि वार को व्रत रखें:

शनिवार को व्रत रखें और पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

3. काली चीजें दान करें:

काली उड़द, काला तिल, लोहे का सामान, काले कपड़े और सरसों का तेल गरीबों को दान करें।

 

4. शनि मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाएं:

शनिवार को शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं और तेल में चेहरा देखकर उसका दर्शन करें।

 

5. नीलम रत्न धारण करें (ज्योतिष सलाह से):

किसी योग्य पंडित या ज्योतिषाचार्य से सलाह लेकर ही नीलम धारण करें।

 

6. ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप करें:

इस मंत्र का रोज़ कम से कम 108 बार जाप करें।

 

7. पीपल की पूजा करें:

शनिवार को पीपल के वृक्ष को जल दें, और सात बार परिक्रमा करें।

 

 

📜 शनि चालीसा (Shani Chalisa in Hindi)

||दोहा||
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
कहत अयोध्यादास तुम, देहु अभय वरदान॥

||चौपाई||

जय जय जय शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे चतुर प्रभु, राखहु अपनी लाज॥

जयति जयति शनिदेव दयाला। करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥
चारि भुजा, तनु श्याम विराजत। मुकुट मुकुत सिर, नयन बिराजत॥

पिंगल, कोणस्थ, रौद्र, दशानन। मंद, यम, चाय, सौरि, शनिभानन॥
छाया मातु, पिता रवि राजा। तिनके गृह उत्पति तूं साजा॥

प्रभु पुत्र जब हीं तिनु जाया। जन्मे रवि को क्रोध बढ़ाया॥
कहरि दृष्टि रवि पर जब दीन्हा। ताप त्रैलोक्य बहुत बढ़ीन्हा॥

तभी रवि प्रभु विनय मनाई। तब हँसी करि कृपा मन भाई॥
दीनन की तुम सदा सहाई। दुखियों की पीड़ा हरन लगाई॥

तुम्हरो कोप विपत्ति उपजावै। राज मिलत, बनत बिगड़ावै॥
कहरि दृष्टि जब तुम्ही दिखावै। राजा रंक करै क्षण मावै॥

गज को लखि दीन्हीं गति काशी। पिंगल भै, प्रकट होउ तिन्हें राशी॥
नृप विक्रम पर तुम क्रोध दिखायो। तनिक विलम्ब में तेल चढ़ायो॥

तेल चढ़त भै, तुम्हरो भाना। देख विक्रम पर दया पाना॥
कहत राम सुन्दर प्रभु बानी। शरणागत हों राखहु प्रानी॥

जो यह चालीसा गावत होई। शनि दुष्ट दोष निकट नहीं होई॥
अर्जुनशेखर राखे लाज, शनिदेव करहु सदा काज॥

||दोहा||
नित्य पाठ जो करै, शनि चालीसा कोय।
कबहुँ न बाधा आवै, और सुख सम्पत्ति होय॥

॥ इति श्री शनि चालीसा सम्पूर्णम्

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